मध्य प्रदेश के वन्य जीव अभ्यारण- Wildlife Sanctuary of Madhya Pradesh in Hindi


Wildlife sanctuaries in Madhya Pradesh (MP) GK in Hindi:आपको बता दें कि मध्य प्रदेश भारत का एक ऐसा राज्य है जहाँ पर साल 1971 में वनों के शिकार पर रोक लगा दी गई थी और यहाँ पर वनजीवों के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य की शुरुआत की गई थी. बता दें कि श्योपुर के पालपुर-कूनो अभ्यारण में एशियाई हाथियों का संरक्षण किया जा रहा है. मध्य प्रदेश राज्य का सबसे बड़ा अभ्यारण नौरादेही अभ्यारण है और सबसे छोटा अभ्यारण राला मंडल है. आज इस लेख में हम आपको मध्य प्रदेश को कुछ प्रमुख अभ्यारणों के बारे में बताने जा रहें, जिनसे जुड़े प्रश्न मध्य प्रदेश के लगभग सभी कम्पटीशन एग्जाम में पूछे जाते हैं.

मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय वन्यजीव अभयारण्य

राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण (National Chambal Sanctuary)

राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण 5400 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. इसके 30 सितंबर 1976 में राष्ट्रीय अभ्यारण घोषित किया गया था. राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण को राष्ट्रीय घड़ियाल अभ्यारण के नाम से भी जाना जाता है. आपको बता दें कि यह अभ्यारण उत्तरी भारत में 3 राज्य मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश से घिरा हुआ है तथा चम्बल नदी के किनारे स्थित है.

गांधी सागर अभ्यारण (Gandhi Sagar Sanctuary)

गांधी सागर वन्यजीव अभ्यारण्य (Gandhi Sagar Sanctuary) मालवा की पश्चिमी सीमाओं पर चंबल नदी के किनारे स्थित है. आपको बता दें कि यह अभ्यारण्य 368.62 वर्ग किलोमीटर के कुल क्षेत्र को कवर करता है. अभ्यारण मंदसौर और नीमच जिले की उत्तरी सीमा पर स्थित है, जिसे 1974 में स्थापित किया गया था. चंबल नदी अभयारण्य के माध्यम से इसे दो भागों में विभाजित करता है. इसका पश्चिमी भाग नीमच जिले और पूर्वी भाग मंदसौर जिले में है. यह अभ्यारण्य राजस्थान के साथ अपनी उत्तरी सीमा साझा करता है.

बोरी वन्यजीव अभयारण्य (Bori Wildlife Sanctuary)

बोरी वन्यजीव अभयारण्य मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में स्थित है. यह अभ्यारण्य भारत के प्राचीन अभ्यारण्यों में से एक है.इसे 1865 में वन्यजीव अभयारण्य का दर्जा मिला था. यह अभ्यारण्य 485. 340 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है.अभ्यारण्य शुष्क पर्णपाती वृक्षों और बांस के जंगलों से घिरा हुआ है. इस अभ्यारण्य में बाघ, तेंदुआ, चीतल, जंगली भैंस, सांभर, चिंकारा, भौंकने वाले हिर और अन्य प्रजातियों का निवास स्थान है.

नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य (Nauradehi Wildlife Sanctuary)

नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य, लगभग 1,197 किमी 2 (462 वर्ग मील) को कवर करता है. यह मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा वन्यजीव अभयारण्य है जो सागर, दमोह, नरसिंहपुर और रायसेन जिलों के कुछ हिस्सों को कवर करने वाले राज्य के केंद्र में स्थित है. यह जबलपुर से लगभग 90 किमी और सागर से लगभग 56 किमी दूर है. यह अभ्यारण्य भारत में चीते के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है.

घाटीगांव वन्यजीव अभयारण्य (Ghatigaon Wildlife Sanctuary)

घाटीगांव वन्यजीव अभयारण्य मध्य प्रदेश राज्य में स्थित एक वन्यजीव अभयारण्य है. घाटीगांव मध्य प्रदेश राज्य में ग्वालियर शहर के पश्चिम में 511.0 वर्ग किमी में फैला हुआ है. इस अभ्यारण को 1981 में स्थापित किया गया था जहां पर ग्रेट इंडियन बस्टर्ड नामक पक्षी काफी संख्या में पाया जाता है. इसके अलावा इस अभ्यारण्य में
ब्लैकबक (एंटीलोप सर्वाइकल), चीतल जंगली सूअर, और धारीदार हाइना भी पाए जाते हैं.

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