उत्तराखंड के प्रमुख त्योहार- Uttarakhand local festivals in Hindi

उत्तराखंड के प्रमुख त्योहार- Uttarakhand local festivals in Hindi

Festivals of Uttarakhand in Hindi उत्तराखंड के प्रमुख त्योहार की जानकारी हिंदी में: उत्तराखंड भारत का एक ऐसा राज्य है जिसे ‘देवभूमि’ या देवताओं की भूमि के रूप में जाना जाता है. आपको बता दें की उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है जो कई तरह के तीर्थ स्थलों में भरा हुआ है. यहाँ पर भारत के साथ साथ दुनिया भारत के लोग आध्यात्मिक और धार्मिक वातावरण में शामिल होने आते हैं. उत्तराखंड के हरिद्वार में गंगा के पवित्र घाटों से लेकर औली के बर्फ से ढके पहाड़ों पर एक से से बढ़कर एक पवित्र स्थान हैं. उत्तराखंड राज्य की एक विविध और जीवंत संस्कृति है. क्योंकि इस राज्य में कई जातीय समूहों, जनजातीय समुदायों और आप्रवासियों का समूह भी निवास करता है.

Festivals of Uttarakhand in Hindi

उत्तराखंड के लोग कई तरह की भाषा जैसे हिंदी, भाटिया, गढ़वाली, कुमाउनी बोलते हैं. यहाँ के लोग विभिन्न प्रकार के कपड़े पहनते हैं और कई रंग बिरंगे त्योहार मानते हैं. इस लेख हम आपको उत्तराखंड में मनाये जाने वाले विभिन्न त्योहारों के बारे में बताने जा रहें हैं जो कि जिसके बारे में विभिन्न परीक्षाओं में प्रश्न आते हैं. और आपको आपको इन पवित्र त्योहारों के बारे में भी अवश्य पता होना चाहिए. तो आइये जानते हैं उत्तराखंड के कुछ प्रमुख त्योहारों के बारे में.

  1. फूलदेई (फूल संक्रांति):
  2. हरेला
  3. दीपावली
  4. बसंत पंचमी
  5. होली
  6. बिखोती
  7. घी संक्रांति (ओगलिया):
  8. वट सावित्री:
  9. मकर संक्रांति (घुघुतिया):
  10. भिताली
  11. खतडुवा:
  12. रक्षा बंधन
  13. चैंतोल
  14. जागड़ा
  15. गंगा दशहरा
  16. भिरौली
  17. नुणाई
  18. कलाई
  19. सारा

उत्तराखंड के प्रमुख त्यौहार- Festivals of Uttarakhand in Hindi

गंगा दशहरा, उत्तराखंड के त्यौहार

गंगा दशहरा ज्येष्ठ माह के दशमी (दसवें दिन) मनाया जाता है. बता दें कि यह त्योहार दस दिवसीय लंबा त्योहार है. यह हरिद्वार, ऋषिकेश और इलाहाबाद में गंगा के घाटों पर देखा जाता है. इस त्यौहार मानाने के पीछे ऐसी मान्यता है कि इसी दिन मां गंगा का अवतरण पृथ्वी पर हुआ. इस दिन भारी संख्या में भक्त अपने पापों से छुटकारा पाने की उम्मीद में गंगा में डुबकी लगाते हैं.

कंडाली

कंडाली का त्यौहार कुमाऊं मंडल में पिथौरागढ़ जिले की चौंदंस घाटी में मनाया जाता है. यह उत्तराखंडी त्योहार फूल कंडाली को दर्शाता है जो 12 साल में एक बार ही खिलता है. बता दें कि यह यह त्योहार सिख साम्राज्य के एक जनरल जोरावर सिंह की सेना की हार के जश्न के रूप में भी मनाया जाता है जिन्होंने 1841 में इस क्षेत्र पर आक्रमण करने की कोशिश की थी.

फूल देई

फूल देई एक त्योहार है जो साल की फसल और वसंत के मौसम के आने का जश्न मनाता है. बता दें की यह त्योहार दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र सीजन (मार्च-अप्रैल) के पहले दिन हिं होता है. यह उत्तराखंड का एक प्रमुख त्योहार है जिसे फसल उत्सव के रूप में भी जाना जाता है. इस ख़ास मौके पर गुड़ या गुड़, दही और आटे का उपयोग करके एक व्यंजन तैयार किया जाता है जो इस त्योहार का एक सबसे खास हिस्सा है.

काले कौवा या घुघुतिया

घुघुतिया या काले कौवा उत्तराखंड का एक प्रमुख त्योहार है. बता दें कि यह पर्व मकर संक्रांति के समय मनाया जाता है. इस त्यौहार पर यहाँ के स्थानीय लोग आटे से बनी मिठाइयाँ जैसे चाकू, तलवार आदि से बनी मिठाइयाँ तैयार करते हैं. इस दौरान स्थानीय लोग कौवे और प्रवासी पक्षियों को यह खिलाने से उनका स्वागत करते हैं और यह भी आशा करते हैं कि वे अगले साल भी वापस आयें. बता दें कि प्रवासी पक्षियों को आकर्षित करने बच्चो द्वारा गीत भी गया जाता है.

हरेला

उत्तराखंड भारत का एक ऐसा राज्य है जहाँ पर हर मौसम में कुछ न कुछ त्यौहार मन जाता है. बता दें कि हरेला एक त्योहार है जो वर्षा ऋतु या मानसून की शुरुआत को दर्शाता है. कुमाऊं समुदाय से संबंधित लोग श्रावण के महीने में, यानी जुलाई-अगस्त के दौरान इस त्योहार का आयोजन करते हैं. पौराणिक रूप से, यह त्योहार भगवान शिव और पार्वती के विवाह की याद में मनाया जाता है.

भितौली

 भितौली उत्तराखंड में चैत्र के महीने (मार्च – अप्रैल) में मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है. बता दें कि यह त्योहार कृषि के इर्द-गिर्द घूमता है. जहां महिलाएं मिट्टी में बीज बोती हैं और त्यौहार के अंत तक वह फसल काटती हैं. इस खास मौके पर भाई अपनी बहनों को उपहार भी देते हैं.

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