Martyrs’ Day in India: शहीद दिवस कब और क्यों मनाया जाता है

भारत के कई वीरों ने आजादी दिलाने के लिए बलिदान दिया है। 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से आजादी के बाद देश के वीरों को आज भी याद किया जाता है। वतन के लिए यातनाएं झेलने वाले और अपने प्राण देने वालों को शहीद दिवस के दिन याद किया जाता है, देश में कई जगह उनके बलिदान को यादकर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। देश में कई तिथियों को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिनमें से 30 जनवरी, 23 मार्च, 21 अक्टूबर, 17 नवम्बर, 19 नवम्बर तथा 27 मई, मुख्य हैं। आइए जानते हैं इन विशेष तिथियों शहीद दिवस क्यों मनाया जाता है।

Important Day’s General knowledge – Martyrs’ Day in India (Shaheed Diwas)

शहीद दिवस- 30 जनवरी

देश को आज़ाद करवाने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले महात्मा गांधी का निधन 30 जनवरी 1948 को हुआ था। इस दिन नाथूराम गोडसे ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। बापू के इस बलिदान को याद करते हुए 30 जनवरी के दिन पूरे देश में शहीद दिवस मनाया जाता है साथ ही केंद्र सरकार के आदेशानुसार अन्य शहीदों की याद में 2 मिनट का मौन धारण किया भी किया जाता है। शहीद दिवस के दिन देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधान मंत्री अन्य प्रमुख नेता दिल्ली के राजघाट पर बापू की समाधि पर फूलों की माला पहनाते हैं और सैन्य बलों द्वारा सलामी देकर उन्हें श्रद्धाजलि दी जाती है। इसके बाद शहीदों की याद में 2 मिनट का मौन धारण किया जाता है।

शहीद दिवस- 23 मार्च

23 मार्च को भी शहीद दिवस कहा जाता है। ब्रिटिशों की नींद उड़ाने वाले देश के वीर क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को 23 मार्च 1931 को फांसी पर लटकाया गया था। उनके इस बलिदान को याद करते हुए हर साल 23 मार्च को बलिदान दिवस और शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। उनके इस बलिदान ने ब्रिटिश हुकूमत से भारत को आज़ाद करने के लिए प्रेरित किया था। आज भी देश के युवाओं को उनके इस बलिदान के बारे में बताया जाता है।

शहीद दिवस – 21 अक्टूबर (Police Smriti Diwas)

आज़ादी के बाद भी सैन्य और पुलिस बल ने अपने वतन के लिए बलिदान दिया है। देश की सीमा पर 21 अक्टूबर 1959 को एक ऐसे घटना हुई जिसने आँखों को नम तो किया, लेकिन देश की आन बान शान पर आंच नहीं आने दी। इस दिन तिब्बत और भारत सीमा की निगरानी करने की जिम्मेदारी पुलिसकर्मियों को दी गयी थी। पहाड़ियों में चीन की सेना ने अचानक पुलिस बल की एक टुकड़ी पर हमला कर दिया था। इस घटना में 10 भारतीय पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इन शहीदों के शवों को चीन ने 13 नवम्बर 1959 को वापस किया था, जिसके बाद सभी पुलिसकर्मियों का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार किया गया। वर्ष 1960 में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस महानिरीक्षकों के वार्षिक सम्मेलन के दौरान यह फैसला किया गया कि 21 अक्टूबर को पूरे भारत में इन शहीद पुलिसकर्मियों को याद करते हुए शहीद दिवस मनाया जाएगा। इस दिन को स्मृति दिवस और नेशनल पुलिस डे के नाम से भी मनाया जाता है।

शहीद दिवस- 17 नवम्बर (Lala Lajpat Rai Balidan Diwas)

देश के महापुरुषों में से एक लाला लाजपत राय भी अंग्रेजों के खिलाफ कई आंदोलनों का हिस्सा रहे थे। उन्होंने ने भी देश के लिए कई यातनाएं झेली हैं। साइमन कमीशन के खिलाफ एक प्रदर्शन में लाठीचार्ज के दौरान वे बुरी तरह घायल हो गए थे। 17 नवम्बर 1928 को उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए थे। पंजाब के शेर कहे जाने वाले लाला लाजपत राय की पूण्यतिथि को भी शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।

शहीद दिवस- 19 नवम्बर (Rani Laxmi Bai Balidan Diwas)

1857 की क्रांति में कई लोगों ने देश के लिए अपने प्राण दिए। मध्यप्रदेश में जन्मी रानी लक्ष्मीबाई (झाँसी वाली रानी) ने भी इस महासंग्राम एक दौरान अपने प्राणों का बलिदान दिया था। 19 नवम्बर को झाँसी की इस महान रानी का जन्म हुआ था, जिसे शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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