MP Tourism General Knowledge in Hindi: मध्यप्रदेश के प्रमुख पर्यटक स्थल

MP Tourism General Knowledge in Hindi: भारत देश का ह्रदय प्रदेश कहा जाने वाला राज्य मध्यप्रदेश अपनी ख़ूबसूरती की वजह से हमेशा ही पर्येटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। प्रदेश में कई ऐतिहासिक इमारतें, मंदिर और तीर्थ स्थान जिस कारण लोग मध्यप्रदेश में घूमना पसंद करते हैं। सबसे ज्यादा 11 राष्ट्रीय उद्यान भी इसी राज्य में हैं। उज्जैन का महाकाल मंदिर, साँची का स्तूप, सतपुड़ा पठार में स्थित पचमढ़ी जैसे कई दार्शनिक स्थल मध्यप्रदेश की ख़ूबसूरती को हमेशा बनाए रखने का काम करते हैं। आइए मध्यप्रदेश के प्रमुख पर्यटक स्थलों के बारे में जानते हैं।

Top Madhya Pradesh Tourism Places

खजुराहो के मंदिर (Khajuraho Tourism)

यह छातरपुर जिले में स्थित है, यहां पर चून्देल शासकों द्वारा निर्मित मंदिर स्थित है। वर्ष 1986 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया गया।

साँची का स्तूप (Sanchi Stupa)

साँची का स्तूप रायसेन जिले में स्थित है, यहाँ 3 स्तूप हैं, जिसकी वजह से यह विश्वभर में प्रसिद्ध है। साँची में स्थित बड़ा स्तूप 36.5 मीटर व्यास का है तथा उंचाई 16.4 मीटर है। इसके अलावा यहां विख्यात बौद्ध तीर्थ स्थल है।

उज्जैन क्यों प्रसिद्ध है? (Ujjain Tourism)

उज्जैन, इसे मंदिरों की नगरी भी कहा जाता है। यह महाकाल मंदिर, जंतर-मंतर, भर्त्रहरि गुफा की वजह से बेहद प्रसिद्ध है। क्षिप्रा नदी के किनारे स्थित इस नगर में 12 वर्षों के अन्तराल में कुंभ मेला आयोजित किया जाता है।

मेहर का मंदिर (Mehar Tourist Places)

मेहर, सतना जिले में कटनी-इलहाबाद मार्ग पर स्थित है, अराध्य देवी का मंदिर यही पर स्थित है। संगीतकार उस्ताद अलाउद्दीन खां की जन्मभूमि होने की वजह से भी यह काफी प्रसिद्ध है।

ओंकारेश्वर मंदिर (Omkareshwar Mahadev)

ओंकारेश्वर, खंडवा से 78 तथा इंदौर से 71 कि.मी. दूर नर्मदा के तट पर स्थित है, मध्यकालीन ब्राह्मण शैली में बना ओंकार मान्धाता का सुंदर मंदिर यहीं स्थित है। यहाँ सिद्धिनाथ मंदिर 24 अवतार सनमात्रिक तट पर मंदिर, गौरी सोमनाथ मंदिर और शंकराचार्य की गुफाएं भी हैं।

चित्रकूट धाम (Chitrakoot Tourism)

चित्रकूट, झांसी मानिकपुर रेलवे मार्ग पर कर्वी स्टेशन के निकट स्थित है, जनश्रुतियों के अनुसार महेश ने यही पर बाल अवतार लिए थे। वनवास के समय भगवन राम ने यहीं पर महार्षि अत्रि व सती अनुसुइया के अतिथि बने थे। कामदगिरी अनुसुइया आश्रम, भरत कुंड तथा हनुमान धरा यहीं पर स्थित है।

सोनागिरी मंदिर (Sonagiri Jain Temple)

सोनागिरी, दतिया जिले के समीप स्थित है, यहाँ पर दिगंबर जैन धर्म से सम्बंधित 108 मंदिर हैं।

पावागिरी-ऊन (Pawagiri Una)

पावागिरी (ऊन), इंदौर के समीप स्थित है, 99 जैन मंदिरों के निर्माण की वजह से इसका नाम ऊन पड़ा। यह दिगंबर जैनों का मुख्य तीर्थ है।

चंदेरी का मंदिर (Chanderi Temple)

चंदेरी, अशोकनगर जिले के पास स्थित है, यहां 200 मीटर ऊंचे किले, खूनी दरवाजा चारों ओर बावड़ियाँ व सरोवर, धोवन मढ स्थित है।

गोम्मटगिरी (Gomatgiri Jain Temple)

गोम्मटगिरी, इंदौर के समीप स्भथित है, यहां भगवान बाहुबली की 27 फीट ऊँचा खडगासन प्रतिमा हैं।

मांडू का मंदिर और महल (Mandu Tourism)

मांडू, धार जिले में स्थित है, इसे सिटी ऑफ़ ज्वाय कहा जाता है। यहां पर जहाज महल, हिंडोला महल, रानी रूपमती का महल, बाजबहादुर महल, अशरफी महल देखने योग्य है।

पुष्पगिरी का जैन मंदिर (Pushpgiri Jain Temple)

पुष्पगिरी, देवास जिले में स्थित है, यह जैनियों का तीर्थस्थल है।

बावनगजा जैन मंदिर (Bawangaja Jain Mandir)

बावनगजा, बडवानी से 10 कि.मी. दूर बावनगजा की पहाड़ियों में स्थित है, यहां प्रमुख जैन स्थल 15वीं शताव्दी को 72 फीट ऊँची ऋषभदेव जी की दिगंबर मूर्ति।

नोहरा जैन मंदिर (Nohra Jain Temple)

नोहरा, बीना जिले के समीप स्थित है, 12वीं शताव्दी में चंदेल की राजधानी, गुरइया और बेरमा दमोह से 21 कि.मी दूर नदितों के संगम पर बसा यह नगर प्राचीन शिव मंदिर और जैन मंदिरों के अवशेष हेतु विख्यात है।

पचमढ़ी क्यों प्रसिद्द है? (Pachmarhi Tourism)

पचमढ़ी, होशंगाबाद जिले में सतपुड़ा पठार में स्थित है, इसे पर्यटकों का स्वर्ग कहा जाता है। पचमढ़ी का शाब्दिक अर्थ है- पांच कुटियाँ, जो वर्तमान में पांच गुफाओं का सूचक है। पचमढ़ी में प्रमुख दार्शनिक स्थल प्रियदर्शनी पॉइंट, हांडीखोर घाटी, अप्सरा विहार, रजत प्रपात, महादेव चौरागढ़ आदि स्थित है। यहाँ पांडवों ने एक वर्ष का वनवास बिताया था। कैप्टन फोरसे ने प्रियदर्शनी पॉइंट स्थन से पचमढ़ी की खोज की थी।

महेश्वर मंदिर (Maheshwar Temple)

महेश्वर, खरगोन जिले में स्थित है, यह दक्षिण अवंतिका की राजधानी थी, देवी अहिल्या ने अपनी राजस्धानी बनाया था। अहिल्या घाट एवं सहस्त्र धरा जलप्रपात यहीं स्थित है।

पशुपतिनाथ का मंदिर (Pashupatinath Temple)

पशुपति नाथ का मंदिर मंदसौर पशुपतिनाथ का एक मंदिर मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में स्थित है। यह मंदिर मुख्य रूप से भगवन शिव के लिए प्रसिद्ध है। इसे भी पहाड़ियों का शहर कहा जाता है।

भोजपुर का शिव मंदिर (Bhojpur Temple, Bhopal)

भोजपुर, भोपाल से 28 कि.मी. दूर स्थित है, यह मंदिर धार के राजा भोज द्वारा निर्मित कराया गया था। यहां का भव्य शिव मंदिर मध्य भारत का सोमनाथ कहलाता है। इसे भोजेश्वर मन्दिर के नाम से भी जाना जाता है, यहाँ जैन मंदिर भी है।

कठेश्वर मंदिर (Kantheswar Temple Vidisha)

कठेश्वर मंदिर, विदिशा तथा गंजबासौदा होते हुए 90 कि.मी. दूर स्थित है। यह परमार कालीन स्थापत्य कला का बेजोड़ उदाहरण है।

अमरकंटक का मंदिर (Amarkantak Temple)

अमरकंटक, अनुपपुर जिले में स्थित है, यह भारत की सात नदियों में से एक अनुपम नर्मदा का उद्गम स्थल अमरकंटक प्रसिद्ध तीर्थ और नयनाभिराम पर्यटन स्थल है। यहाँ नर्मदा और सोन नदियों का उद्गम स्थल है। इसी के साथ यह ऋषि-मुनियों की तपोभूमि भी रहा है। यहां प्रमुख दार्शनिक स्थल कपिल धारा जलप्रपात, सोनमुंग, माई की बगिया, कबीर चौदा, भृगु कमंडल और पुष्पक बांध है।

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