मध्य प्रदेश के प्रमुख त्यौहार, मेले और उत्सव: Famous Festival Of Madhya Pradesh In Hindi

मध्य प्रदेश के प्रमुख त्यौहार, मेले और उत्सव: Famous Festival Of Madhya Pradesh In Hindi

Famous festival of MP in hindi, मध्य प्रदेश के प्रमुख त्यौहार, मेले और उत्सव: मध्य प्रदेश भारत का एक ऐसा राज्य है जहाँ के धार्मिक स्थलों, शासकों और उनके द्वारा बनाये गए स्मारकों का इतिहास काफी लंबा है। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश को “अतुल्य भारत के दिल” के रूप में जाना जाता है। आपको मध्य प्रदेश राज्य के हर गली और नुक्कड़ पर मंदिर या मस्जिद के साथ, किलों, बावड़ियों, स्मारक देखने को मिल ही जाते हैं। मध्य प्रदेश राज्य का गहरा मध्य प्रदेश में कई ऐसे त्यौहार मनाये जाते हैं जिनके बारे में ज्यादा लोग नहीं जानते फिर चाहे वो एक संगीत उत्सव हो या धार्मिक उत्सव मध्य प्रदेश में किसी भी तरह के त्यौहार की कमी नहीं है। मध्य प्रदेश के विभिन्न हिस्सों को हर साल उत्सव के दौरान लोगों की भारी भीड़ की मेजबानी करते हुए देखा जा सकता है। अगर आप मध्य प्रदेश में मनाये जाने वाले प्रमुख उत्सव, महोत्सव, धार्मिक उत्सव, त्योहारों और मेलों के बारे में जानना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा पढ़ें, यहाँ हम आपको मध्य प्रदेश के प्रमुख त्योहारों के बारे में बताने जा रहें हैं।

मध्य प्रदेश के प्रमुख त्यौहार लोक संगीत लोक कला और लोक साहित्य- Famous Festivals Of Madhya Pradesh In Hindi

लोकरंग महोत्सव (Lokrang Festival in Hindi)

जैसा कि आप जानते होंगे कि मध्य प्रदेश में एक आदिवासी आबादी वाला राज्य है और यहाँ पर 46 जनजातियों का निवास है। बता दें कि राज्य में इस समृद्ध आदिवासी उपस्थिति का जश्न मनाने के लिए, लोकरंग महोत्सव मनाया जाता है। यह उत्सव हर साल आदिवासी लोक कला अकादमी भोपाल शहर में होता है ।यह चार दिनों का उत्सव है जो हर साल जनवरी में होता है। इस उत्सव के दौरान  आदिवासी समुदायों के लोक संगीतकार और नर्तक मंच पर प्रस्तुति देते हैं। आगंतुकों के लिए विभिन्न जनजातियों के भोजन और हस्तशिल्प स्टाल भी लगाये जाते हैं।

अखिल भारतीय कालिदास समारोह (Akhil Bharatiya Kalidas Samaroh in Hindi)

अखिल भारतीय कालिदास समारोह एक वार्षिक आयोजन है जो उज्जैन शहर में होता है। यह मेला हर साल संस्कृत कवियों और लेखकों जैसे कालिदास और वात्स्यायन के साथ-साथ पंडित सूर्य नारायण व्यास और शिवमंगल सिंह सुमन जैसे हिंदी साहित्यकारों की याद में मनाया जाता है। इस कार्यकम में कविता, रंगमंच और संगीत आयोजित किये जाते हैं। इस उत्सव का उद्घाटन पहली बार 1958 में भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने किया था। और तब से यह हर साल हर साल नवंबर और दिसंबर के महीनों में आयोजित होता है।

लोकरंजन या खजुराहो महोत्सव ( Lokranjan or Khajuraho Festival in Hindi)

लोकरंजन या खजुराहो महोत्सव हर साल 8 से 12 दिसंबर तक खजुराहो में मनाया जाता है। यह उत्सव लोक कला अकादमी द्वारा आयोजित किया जाता है और लोकरंजन महोत्सव को खजुराहो नृत्य महोत्सव के रूप में भी जाना जाता है। यह उत्सव 5 दिनों तक चलता है और इसमें देश भर के लोक नृत्य कलाकार एक ही मंच पर अपनी कला का प्रदर्सन करते हैं। यह त्यौहार भारत के कई लोक और आदिवासी नृत्यों को जीवंत रूप से प्रदर्शित करता है।

भगोरिया हाट महोत्सव ( Bhagoria Haat Festival in Hindi )

भगोरिया हाट मेला या महोत्सव मध्य प्रदेश के सबसे व्यापक रूप से मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है। आपको बता दें कि इस उत्सव का मध्य प्रदेश राज्य के झाबुआ, बड़वानी, खरगोन और अलीराजपुर जिलों के क्षेत्रों में बहुत ही ज्यादा महत्त्व है। यह एक आदिवासी त्योहार है जो  बरेला, भील ​​और भिलाला जनजातियों द्वारा मनाया जाता है। यह त्यौहार फसल कटाई के मौसम के अंत में मनाया जाता है। बता दें कि महाराष्ट्र के आसपास के हिस्से भी इस त्योहार को मनाते हैं जो होली से ठीक पहले होता है और यह 7 दिनों तक चलता है। इस उत्सव में कई सारी सामुदायिक गतिविधियाँ भी शामिल हैं जैसे व्यंजन बनाना, लोक नृत्य करना और लोक गीत गाना आदि। बता दें कि इस दौरान गांव के बाजार भगोरिया हाट के नाम से जाने जाने वाले एक विशेष बाजार के रूप में सजाये जाते हैं। भगोरिया हाट का अंतिम दिन होलिका दहन के अनुष्ठान के दिन होता है।

उज्जैन कुंभ मेला (Ujjain Kumbh Mela)

उज्जैन कुंभ मेला मध्य प्रदेश के उजैन शहर में हर 12 साल में आयोजित किया जाता है। आपको बता दें कि इस मेले को  “उज्जैन सिंहस्थ मेला” के नाम से भी जाना जाता है। इस मेले को लेकर ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु ने कुंभ या बर्तन से अमृत की चार बूंदें पृथ्वी पर गिराईं थी और उन चार स्थलों पर आज कुंभ मेला आयोजित किया जाता है, जिनमे से मध्य प्रदेश का उज्जैन भी एक है। कुंभ मेला काफी हद तक नदी किनारे का त्योहार है। उज्जैन में यह शिप्रा नदी के किनारे होती है। पिछला उज्जैन कुंभ मेला 2016 में हुआ था और यह एक प्रमुख हिंदू मेला है जिसमें लाखों की संख्या में तीर्थ यात्री आते हैं।

मालवा उत्सव (Malwa Utsav in Hindi)

मालवा उत्सव एक वार्षिक उत्सव है जो 5 दिनों तक चलता है। बता दें कि यह उत्सव उज्जैन और इंदौर शहरों में आयोजित होता है।यह त्यौहार मालवा क्षेत्र की सांस्कृतिक सुंदरता का जश्न मनाने के लिए हर साल मनाया जाता है।  इस त्योहार में क्षेत्र की कला और हस्तशिल्प प्रदर्शनी के साथ-साथ कई पारंपरिक संगीत और नृत्य प्रदर्शन भी होते हैं। त्योहार नाट्य शास्त्र को श्रद्धांजलि देता है जिसे ऋषि भरत मुनि द्वारा संकलित किया गया था।

नागाजी मेला ( Nagaji Fair in Hindi)

नागाजी मेला मध्य प्रदेश का एक प्रमुख मेला है जिसे जिले में मनाया जाता है। यह त्यौहार साईं नागाजी के सम्मान में मनाया जाता है जो कि अकबर के शासन के दौरान थे। नागाजी का मेला प्रमुख रूप से एक आदिवासी त्योहार है जो सहरिया, बेदिया और अन्य जनजातियों द्वारा मनाया जाता है। इस मेले का उत्सव का आकर्षण केंद्र पोरसा गांव है, जहां नागाजी रहा करते थे। आपको बता दें कि यह मेला लगभग एक महीने तक चलता है और नवंबर या दिसंबर के महीने में मनाया जाता है। इसके अलावा इस त्यौहार का मुख्य आकर्षण गांव के बाजारों में बंदरों का व्यापार भी होता है। आपको बता दें कि यह एक शुभ समय माना जाता है इसलिए एक महीने में कई शादियाँ भी होती है।

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चेतियागिरी विहार महोत्सव (Chethiyagiri Vihara Festival in Hindi)

चेठियागिरी विहार महोत्सव बौद्ध लोगों एक उत्सव या त्यौहार है जिसे हर साल नवंबर में मनाया जाता है। बता दें कि इस त्यौहार का आयोजन मध्य प्रदेश राज्य के रायसेन जिले के साँची में किया जाता है। इस त्योहार के दौरान तीर्थयात्रियों को दर्शन और प्रार्थना करने के लिए साई पुथा और महा मोग्गलाना के अवशेष निकाले जाते हैं। बता दें कि साई पुत्था और महा मोगल्लाना, बुद्ध के दो शुरुआती शिष्य थे। उनके अवशेष 1853 में सांची के स्तूप नंबर 3 में पाए गए थे और उन्हें चैतीगिरी मंदिर में रखा गया था। आपको बता दें कि यह उत्सव दो दिनों तक चलता है जिसकी शुरुआत 1952 में हुई थी और यह हमेशा सप्ताहांत पर होता है। जापान और श्रीलंका जैसे देशों के कई बौद्ध तीर्थयात्री इस उत्सव में श्रद्धासुमन अर्पित करने आते हैं।

तानसेन संगीत समारोह (Tansen Sangeet Samaroh in Hindi)

तानसेन संगीत समारोह हर साल ग्वालियर जिले के बेहट गांव में आयोजित किया जाता है। बता दें कि यह एक संगीत समारोह है जो हर साल होता है। चार दिनों तक चलने वाले इस समारोह को 16वीं शताब्दी के महान हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीतकार तानसेन की याद में मनाया जाता है। इस समारोह का आयोजन उस्ताद अलाउद्दीन खान कला एवं संगीत अकादमी द्वारा तानसेन की कब्र के पास किया जाता है। इस समारोह में कई महान संगीतकारों को आमंत्रित किया जाता है।

अमीर खान फेस्टिवल ( Ameer Khan Festival in Hindi)

अमीर खान महोत्सव एक दिन चलने वाला त्यौहार है जो कि भोपाल और इंदौर शहरों में भक्ति सूफी संगीत का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है और इस समारोह में विभिन्न सूफी संगीतज्ञ अपने संगीत का प्रदर्शन करते हैं। बता दें कि इस समारोह में कथक प्रदर्शन भी किया जाता है। यह त्यौहार अमीर खान साहब (Ameer Khan Sahab) के सम्मान में मनाया जाता है जो एक सम्मानित संगीतकार थे और वे  इंदौर घराने के संस्थापक के रूप में जाने जाते हैं।

ध्रुपद समारोह (Dhrupad Samaroh in Hindi)

ध्रुपद समारोह मध्य प्रदेश का एक मुख्य समारोह है जिसका आयोजन हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के ध्रुपद रूप का जश्न मनाने के लिए किया जाता है। संगीत की ध्रुपद शैली भक्ति और आध्यात्मिक है, जो मुगल साम्राज्य के दौरान भी प्रसिद्ध थी। ध्रुपद समारोह (Dhrupad Samaroh) का आयोजन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में किया जाता है। इस समारोह में कई ध्रुपद संगीत प्रदर्शन शामिल होते हैं।

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