जैविक खेती पर निबंध और लेख- Essay and Articles on Organic Farming

जैविक खेती पर निबंध और लेख- Essay and Articles on Organic Farming

जैविक खेती पर लेख और निबंध (Essay and Articles on Organic Farming in Hindi): आज हम जो भोजन करते हैं, उसे अत्यधिक पौष्टिक माना जाता है, लेकिन शायद आप यह बात नहीं जानते होंगे कि आजकल फसलों को उगाने में कितने सारे रसायनों का इस्तेमाल होता है। जैविक खेती पर इस निबंध में हर जैविक खेती से होने वाले फायदों के बारे में बात करेंगे औरिसके साथ ही वर्तमान में इस्तेमाल हो रहे उन खतरनाक तरीकों के बारे में बात करेंगे जिनका इस्तेमाल आजकल किसान फसलों की खेती के लिए करते हैं. इसके साथ ही हम यह भी बात करेंगे कि जैविक खेती क्या है और इसका महत्व क्या है। जैविक खेती पर यह लेख या निबंध का उपयोग स्कूल या कॉलेज के छात्र, यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा और ऐसी अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र कर सकते हैं।

छात्रों और बच्चों के लिए जैविक खेती पर लेख और निबंध हिंदी में- Essay and Articles on Organic Farming in Hindi

जैव खेती पर लेख: इस लेख में हमने जैविक खेती पर निबंध प्रदान किये है. छात्र अपनी शब्दों की सीमा के अनुसार निबंध का इस्तेमाल कर सकते हैं. बता दें कि इन निबंधों का उपयोग कक्षा 6, 7, 8, 9 और 10 के छात्र लेख के लिए, असाइनमेंट और निबंध लेखन प्रतियोगिता के लिए कर सकते हैं।

परिचय

जैविक खेती खेती हमारे लिए बेहद फायदेमंद होती है क्योंकि यह बेहद सस्ती होती है और इसमें प्राकृतिक तरीकों और उपकरणों का उपयोग करके फसलों को उगाया जाता है. जैविक खेती में प्राकृतिक तरीके से जानवरों का पालन-पोषण भी शामिल है।
जैविक खेती हर तरह से हमारे जीवन के लिए फायदेमंद है और यह हमारी प्रकृति को भी हरा भरा रखने में मदद करती है.

जैविक खेती क्यों करना चाहिए

जैविक खेती (Organic Farming) हर तरह से प्राकृतिक और हानिरहित है। इससे मिट्टी की गुणवत्ता पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता और इससे अच्छा परिणाम प्राप्त होता है। जिन फसलों को जैविक खेती उगाया जाता है वे सभी पोषक तत्वों से भरपूर रहती है। यह भोजन के प्राकृतिक स्वाद को बनाए रखने में भी मदद करता है और यह हानिकारक रसायनों और अकार्बनिक पदार्थों से होने वाले नुकसान से भी हमें बचाती है।

जैविक खेती में इस्तेमाल होने उपकरण

जैविक खेती (Organic Farming) बहुत ही सरल और सस्ती है। इसके लिए प्राकृतिक उपकरणों और तरीकों की आवश्यकता होती है, जिनमें से कई तो हमें मुफ्त में मिल जाते हैं। फसलों के लिए प्राकृतिक खाद का इस्तेमाल करने से यह हमेशा स्वस्थ रहती है और उसका स्वाद लंबे समय तक बना रहता है। प्राकृतिक तरीकों से फसलों का पोषण करना और मैन्युअल रूप से उपयोगी पोषक तत्वों को बहने नहीं देना है। प्राकृतिक का इस्स्तेमाल करने से केवल कीट मरते हैं लेकिन इससे फसल पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता।

निष्कर्ष

जैविक खेती हर तरह से प्राकृतिक है, इसलिए यह हमारी प्रक्रति और स्वस्थ के लिए फायदेमंद है। अकार्बनिक खेती की तुलना में जैविक खेती अधिक उत्पादक है। इसलिए हमें जैविक खेती पर जोर देना चाहिए।

जैविक खेती लेख और निबंध हिंदी में 600 शब्द-Essay and Articles on Organic Farming 600 words

जैविक खेती आज की आवश्यकता

जब से शहरीकरण और औद्योगीकरण का विकास हुआ है तब से जनसंख्या विस्फोट, पर्यावरणविदों और सरकार दोनों के लिए ही एक बड़ी चिंता का एक कारण रहा है। हमारी बढ़ती आबादी में भोजन की पूर्ति करने के लिए आजकलफसल उत्पादन बढ़ाने के लिए कृत्रिम तरीकों से उत्पादन किया जा रहा है। भले ही कृत्रिम तरीकों से उत्पादन तेज और ज्यादा होता है लेकिन यह हमारे शरीर और प्रकृति के लिएय बेहद हानिकारक है। इन तरीकों में फसलों की उत्पादन दर में सुधार के लिए रासायनिक उर्वरकों, हानिकारक कीटनाशकों, कवकनाशी, शाकनाशी और कीटनाशकों का उपयोग बहुत तेजी के साथ बढ़ता जा रहा है। भले ही इन तकनीकों से किसानों को अपनी उपज में सुधार करने में मदद मिल जाती है इससे हमारी प्रकृति को बहुत ही ज्यादा नुकसान पहुँचता हैऔर हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन में जहर पैदा कर सकते हैं। इसलिए अगर मानव सभ्यता पर इस आपदा कोरोकना है तो हमें सिर्फ जैविक खेती ही करना चाहिए।

जैविक खेती क्या है

जैविक खेती एक ऐसी तकनीक है जिसमें हवा, पानी और मिट्टी जैसे प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके स्थायी तरीके से भूमि की खेती की जाती है। जैविक खेती का मतलब यह नहीं है कि मानव निर्मित रसायनों का उपयोग नहीं किया जाता है। बल्कि जैविक खेती के कई तरीकों में भी मानव निर्मित उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग फसल उत्पादन में सुधार के लिए नहीं बल्कि मिट्टी की उर्वरता में सुधार के लिए किया जाता है। इसका मतलब है कि ये रसायन मिट्टी में जाते है लेकिन यह हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन में नहीं जाते। जैविक और अकार्बनिक खेती के बीच का सबसे बड़ा अन्तर यह होता है कि जैविक खेती में रसायन मिट्टी की उर्वरता में सुधार करने में मदद करते हैं और लेकिन इनका फसलों पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता, लेकिन अकार्बनिक खेती में, रसायन मिट्टी की उर्वरता को कम करते हैं और कृषि उत्पादन के बाद मिट्टी को बंजर बनाते हैं। इसलिए जैविक खेती हर तरह से हमरे लिए फायदेमंद है। कीटनाशकों और Herbicide (शाकनाशक में मौजूद जस्ता, सीसा और मैंगनीज जैसे हानिकारक रसायनों का भोजन में मिलने से हमारे स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा हो सकता है।

जैविक खेती क्यों जरूरी है

जैविक खेती के कुछ प्रमुख लाभ यह हैं कि अकार्बनिक खेती की तुलना में स्वस्थ और गुणवत्तापूर्ण फसलों का उत्पादन अपेक्षाकृत अधिक होता है। इसके अलावा जैविक खेती पर्यावरण के लिए बहुत अच्छी होती है क्योंकि यह मिट्टी की उर्वरता में सुधार करने में मदद करती है और हम भूमि का उपयोग विभिन्न तरह से फसलों के लिए बार बार कर सकते हैं। इसके अलावा जैविक खेती से वनों की कटाई को कम करने में मदद मिलती है। जैविक खेती के अन्य लाभ यह है कि बाजार में जैविक खाद का मूल्य बाजार में अधिक है जिसकी वजह से किसान को लाभ मार्जिन भी अधिक मिलेगा। कृषि की यह निरंतर पद्धति किसानों को फसल की उपज का निरंतर और विवेकपूर्ण संतुलन बनाए रखने और हमारे पर्यावरण को बचाने में मदद करती है। जैविक खेती का एक और सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह मिट्टी को प्रदूषण से रोकने में मदद करती है।

हम यह कहकर इस लेख को ख़तम करना चाहूँगा कि जैविक खेती हानिकारक पारंपरिक कृषि पद्धतियों के लिए एक व्यवहार्य विकल्प है जिसमें वनों की कटाई, मृदा प्रदूषण और जल प्रदूषण शामिल हैं। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकारों और अंतर्राष्ट्रीय समुदायों को किसानों को आर्थिक रूप से मदद करनी चाहिए जो हमारे कृषि-पारिस्थितिकी तंत्र और जैव विविधता को बचाने में मदद करेगी। इसके अलावा जैविक खेती से वायु प्रदूषण को कम करने, पानी को बचाने , मिट्टी के कटाव को कम करने, मिट्टी की उर्वरता में सुधार करने में
और भोजन में जहरीले रसायनों और कृत्रिम अवयवों को कम करने में मदद मिलेगी।

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